चलिए बहुत थोड़े में भारत के एक ताकतवर पड़ोसी पर नजर डालते हैं कि वो आजकल क्या कर रहा है?
चीन - रूस सम्बन्ध - Strategic Partenership (ना तो तू मेरे से पंगा लेगा और ना मैं तेरे से)
चीन - पाक सम्बन्ध - सबको पता है, चीन पाक का नया माई बाप है और अमेरिका पुराना
चीन - अफ्रीका - ब्रिक - कोशिशें जारी है कि इसे और औपचारिक शक्ती बनायें जो कि विश्व को ढालने में सहायक हो (यांग के शब्द). अफ्रीका में चीन ने हजारों किलोमीटर की रेल और सड़क निर्माण में सहायता की है.
आगे बताने से पहले ASEAN में देखें कौन कौन है -
ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया , म्यांमार, फ़िलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और विएतनाम
चीन - ASEAN - FTA प्रभावी, अब आगे आसियान, चीन, साऊथ कोरिया और जापान का मुक्त व्यापार प्रस्तावित
प्रेस को कितनी आजादी है ये शायद इस विडियो से समझ में आ जायगा जिसमें शंघाई पुलिस विरोध प्रदर्शन के
विडियो बनाने से रोकने के लिए विदेशी मीडियाकर्मियों से कैसे पेश आती है, देशी तो वैसे ही उनका साथ देते हैं -
http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-pacific-12666701
लिंक पर ना जाएँ तो खुद बी.बी.सी. के कर्मी के शब्दों में -
I was dragged by the hair . . . then slammed to the floor . . . had my leg crushed at the vehicle’s door.
चीन Xinxiang में हुए दंगों के पीछे कोइ राजनीती नहीं करता और सीधे सीधे मुस्लिम अतिवादियों का हाथ बताता है, चीनी पुलिस संदेह के आधार पर भी लोगों को गोली मारती है और किसी भी दानवाधिकार आयोग जैसा अजगर उसने नहीं पाल रखा है. साथ ही साथ चीन पाक को भी कड़े शब्दों में समझा देता है कि लश्कर की और पाक की उइगुर आतंकियों को किसी भी तरह की मदद पाक के लिए निश्चित रूप से घाटे का सौदा होगी.
चीन पाक को सहायता और निर्देश देता है कि भारत को कैसे उलझाए हुए रखे, उसने हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के साथ युद्ध की पूरी तैयारी कर रखी है, सीमा पर आणविक मिसाइलें तैनात कर रखे है और अभी कुछ समय पहले पाक सेना के साथ भारतीय सीमा पर युद्धाभ्यास किया था.
ये सब जो भी भारत के चारों और हो रहा है उसकी भारत की नीतियों और भारत के कोइ समस्या पर एक्शन से तुलना करें. प्रश्न ये है कि क्या UPA-2 भारत को पूर्णतया बर्बाद किये बिना देश को अपनी गुलामी से मुक्त कर देगा?
IAF chief वैसे भी सच सच बोल ही चुके हैं, सरकार को बताया जाता है कि ब्रह्मपुत्र पर चीन जो बाँध बना रहा है और कुछ समय बाद वो इसकी धारा भी मोड़ेगा जिससे भारत का हजारों वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र सूखा हो जाएगा तो हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि ब्रह्मपुत्र पर चीन के बाँध से हमें खतरा नहीं ??? क्या अब आगे वो बताएँगे कि "हमें" असली खतरा तो बाबा और अन्ना से है?
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चीन - पाक सम्बन्ध - सबको पता है, चीन पाक का नया माई बाप है और अमेरिका पुराना
चीन - अफ्रीका - ब्रिक - कोशिशें जारी है कि इसे और औपचारिक शक्ती बनायें जो कि विश्व को ढालने में सहायक हो (यांग के शब्द). अफ्रीका में चीन ने हजारों किलोमीटर की रेल और सड़क निर्माण में सहायता की है.
आगे बताने से पहले ASEAN में देखें कौन कौन है -
ब्रुनेई, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया , म्यांमार, फ़िलीपीन्स, सिंगापुर, थाईलैंड और विएतनाम
चीन - ASEAN - FTA प्रभावी, अब आगे आसियान, चीन, साऊथ कोरिया और जापान का मुक्त व्यापार प्रस्तावित
प्रेस को कितनी आजादी है ये शायद इस विडियो से समझ में आ जायगा जिसमें शंघाई पुलिस विरोध प्रदर्शन के
विडियो बनाने से रोकने के लिए विदेशी मीडियाकर्मियों से कैसे पेश आती है, देशी तो वैसे ही उनका साथ देते हैं -
http://www.bbc.co.uk/news/world-asia-pacific-12666701
लिंक पर ना जाएँ तो खुद बी.बी.सी. के कर्मी के शब्दों में -
I was dragged by the hair . . . then slammed to the floor . . . had my leg crushed at the vehicle’s door.
चीन Xinxiang में हुए दंगों के पीछे कोइ राजनीती नहीं करता और सीधे सीधे मुस्लिम अतिवादियों का हाथ बताता है, चीनी पुलिस संदेह के आधार पर भी लोगों को गोली मारती है और किसी भी दानवाधिकार आयोग जैसा अजगर उसने नहीं पाल रखा है. साथ ही साथ चीन पाक को भी कड़े शब्दों में समझा देता है कि लश्कर की और पाक की उइगुर आतंकियों को किसी भी तरह की मदद पाक के लिए निश्चित रूप से घाटे का सौदा होगी.
चीन पाक को सहायता और निर्देश देता है कि भारत को कैसे उलझाए हुए रखे, उसने हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार भारत के साथ युद्ध की पूरी तैयारी कर रखी है, सीमा पर आणविक मिसाइलें तैनात कर रखे है और अभी कुछ समय पहले पाक सेना के साथ भारतीय सीमा पर युद्धाभ्यास किया था.
ये सब जो भी भारत के चारों और हो रहा है उसकी भारत की नीतियों और भारत के कोइ समस्या पर एक्शन से तुलना करें. प्रश्न ये है कि क्या UPA-2 भारत को पूर्णतया बर्बाद किये बिना देश को अपनी गुलामी से मुक्त कर देगा?
IAF chief वैसे भी सच सच बोल ही चुके हैं, सरकार को बताया जाता है कि ब्रह्मपुत्र पर चीन जो बाँध बना रहा है और कुछ समय बाद वो इसकी धारा भी मोड़ेगा जिससे भारत का हजारों वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र सूखा हो जाएगा तो हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि ब्रह्मपुत्र पर चीन के बाँध से हमें खतरा नहीं ??? क्या अब आगे वो बताएँगे कि "हमें" असली खतरा तो बाबा और अन्ना से है?
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