अक्टूबर 19, 2011

सर जी और उनकी जरूरतें !!!


Smile
जरूरत है जरूरत है जरूरत है ... सर जी गाना गा रहे थे. मैंने हिम्मत करके पूछ ही लिया किसकी जरूरत है सर जी? हिम्मत करके इसलिए क्योंकि सर जी को कोइ सुझाव देता है या प्रश्न पूछता है तो या तो अपने साझीदार भाई के गुंडों से आधी रात को ठुकवा देते हैं या उठवा के २-४ दिन ना जाने कहाँ बंद रखते है. अगर कभी (साल दो साल में एक आध बार) जवाब देने का मन भी हुआ तो बोल देते हैं सब ठीक है, हम करेंगे, हमें करना चाहिए ... और ये बोल के मुस्कुराना नहीं भूलते !

खैर जब मैंने पूछ ही लिया और पूछने के बाद दायें बाएं देखा कि सर जी का कोइ गुंडा तो नहीं आ रहा है मारने के लिए कि तूने हफ्ता टैक्स नहीं दिया ला दिखा तेरे सारे डोक्युमेन्ट्स ... पर कमाल ... कोइ गुंडा नहीं आया बल्कि सर जी खुद बोले देखो मोहल्ले में ये बाहर के पड़ोसी मोहल्ले के बदमाश आ के धमाके वगेरह कर जाते हैं, इसलिए ...
तभी सर जी का एक चमचा सर जी की बात काटते हुए बोला जाने दो सर जी अब तो इन मोहल्ले वालों को धमाके की आदत पड़ गयी है, इनका तो काम ही हमें चुन कर मरना है, फालतू में यूँ ही चिल्ल पों मचा रखी है. क्यों बे पता नहीं क्या तुम्हे ? क्या आज या कल पहली बार हो रहे है क्या धमाके? चल ...
और इससे पहले कि वो अपने डोगी मुझ पर छोडता सर जी उसकी बात काटते हुए बोले, इसलिए हमें मोहल्ले की सुरक्षा और मजबूत करनी होगी, सेक्युरिटी बढानी होगी, और देखना होगा कि हमारे मोहल्ले के युवकों में (जो कि मौका मिलने पर आपस में झगड पड़ते हैं) समझ आये कि मोहल्ला सबका है और हमें पड़ोसी मोहल्ले वालों से बच के रहना है. हमें इन सब चीजों की बहुत सख्त जरूरत है.

कसम वीकेंड की दिमाग घूम गया, में बोला पर सर जी मोहल्ले के सारे लोगों ने आपको ही तो मोहल्ला प्रधान चुना हुआ है, आपसे पहले आपके चाचा थे उनसे पहले आपके दादा थे ... ये मोहल्ला तो मानो आपकी जागीर ही है, आपके पास सारा उगाही का पैसा आता है. आपने बोला था कि मोहल्ले के रास्तों पर गेट लगाएंगे, सिक्यूरिटी लगाएंगे, सी.सी.टी.वी. लगाएंगे वगेरह वगेरह ... पर ना तो कोइ गेट लगा, ना कैमरा और ... पर आपके खास लोगों ने जरूर अपने अपने मकानों पर नयी मंजिलें बनवाई और पेंट करवाया, गेट पर कुत्ते भी बांधे रखते हैं कि कोइ अंदर झाँक भी ना पाए !! और पहले आप ही मोहल्ले के युवकों को भरमा चुके हैं कि मोहल्ले पर पहला हक ये राईट साइड के चार घर और लेफ्ट साइड के तीन घरों का है. मोहल्ले के युवकों का क्या सबका दिमाग तो आपने और आपके पूर्वजों का लोगों को बांटने की राजनीती से खराब किया हुआ है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग कनाफ्युजिया के और अपने अपने डर के मारे आपको ही बार बार चुनते रहें.

क्या बोल रहा है ? सर जी बोले इस नाजुक टाइम में तू लोगों को बांटने की राजनीती कर रहा है! चुनाव में खडा होगा क्या? ये सुन कर सर जी के चमचे जो इतनी देर से मन ही मन कुढ़ीया रहे थे ठठा कर हंस पड़े और बोलने लगे हाँ हाँ तू अबके चुनाब लड़ लियो तब देखेंगे तेरा काला सफ़ेद धन और तेरी सफ़ेद टोपी ...

सर जी फिर बोले (आज तो कमाल कर दिया, क्यूंकि सर जी बोलते कम ही हैं) देखो हम कमजोर तो है पर हम हार नहीं मारेंगे, हम कमजोर नहीं है ????? हमें ये जरूरत है हमें वो जरूरत है.
मेरी खोपड़ी इतना तनाव और बेतुकी बातें झेलने के लिए प्रोग्राम्ड नहीं है सो मैं तन्ना के फिर से सर जी को राय दे बैठा कि सर जी अगर आप सभी घरों के बच्चों को स्कूल जाने देते तो आज सारा मोहल्ला एक होता हाँ पर फिर ये होता कि प्रधान आप नहीं होते, अभी तो सारा मोहल्ला आपका, सारा फंड आपका, लोग अभी तक तो आपका कहना भी मान रहे हैं भले ही किसी का धमाके में हाथ उड़ गया और किसी का पैर या कोइ बेचारा एक जून की रोटी ही खा पा रहा है, सारी ताकत आपके हाथ में है अगर आपको जरूरत है तो आप करो ना किसने रोका है? क्या अब इसके लिए भी आपको इटालियन में समझाऊं क्या?

ये सुनते ही सर जी कि मुखमुद्रा बदल गयी और उनका इशारा पाते ही उनके चमचों ने अपने अपने पकडे हुए डोगी और गुंडों को मेरी और इशारा कर दिया ...

सपने भी ना ... नींद में भी मेरी हार्टबीट बढ़ चुकी थी, भला हो श्रीमती जी का जिन्होनें क्रोध के साथ मुझे जगा दिया और १० मिनट में सब्जी लाने का अल्टीमेटम दे डाला...

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