अक्टूबर 15, 2011

भारत पाकिस्तान से डरता है, और भारतीय जनता ?

एक कहावत है - आपकी रूचि राजनीती में हो या ना हो, राजनीती की रूचि आपमें हमेशा होती है|

पिछले कुछ सालों में जो कुछ भी भारत में हो रहा है, उससे आम आदमी अपने आप को नीति नियंताओं के कारण ठगा हुआ महसूस कर रहा है और UPA-2 के कार्यकाल में उसकी ये लाचारी बढती ही जा रही है|

नीचे जो में लिख रहा हूँ वो विकिलीक्स के कुछ पुराने केबल है, जो कि आप - हम सभी जानते हैं कि भारत सरकार के वक्तव्यों से ज्यादा विश्वसनीय हैं, इन्हें आज यहाँ लिखना और भी ज्यादा प्रासंगिक है| पढ़िए और समझिए क्यों -

केबल 1.

भारत, पाकिस्तान से डरता है - अमेरिका

नई दिल्ली से वाशिंगटन भेजी 3038 केबल्स उजागर करती हैं कि भारत, 2008 के मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान पर किसी प्रकार के एक्शन का अनिच्छुक था.

टिमोथी रोमर का माना था कि भारतीय सेनाएं प्राम्भिक बढ़त के बावजूद धीमी रसद और मूवमेंट की परेशानियों की समस्या से रूबरू हो सकती थी|

केबल 2.

यू. एस. ने कभी भी भारतीय एक विमीय विचार कि तालिबान अंधेरी ताकतें है को साझा नहीं किया|

(झटका लगा? पर ये सच है और ये भारतीय विदेश नीती की सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है)

केबल 3.

भारत में आतंकवादी को दण्डित नहीं किया जा सकता

(आप और हम सभी देख ही रहें हैं कि आतंकवादी मदनी का बंगलोर के 5 सितारा आयुर्वेद चिकित्सालयों में इलाज़ होता है, अफजल को कैसे बचाया जाता है और कसाब ... ना ही पूछो)

केबल 4.

कोंग्रेस ने मुम्बई हमलों के बाद धार्मिक राजनीती कि थी.

(शुरुआत हुई A R Antulay के बयानों से जिसमें उन्होंने कहा कि - Hindutva forces may have been involved in the Mumbai terror attacks, कोंग्रेस ने दो दिन तक इस बयान से दूरी बनाए राखी और फिर एक विरोधाभाषी बयान जारी किया, जिससे परोक्ष रूप से इस षडयंत्र को समर्थन मिलता था)

केबल जारी - इस सारे घटनाक्रम ने दर्शाया कि ये पार्टी जाती-धर्म आधारित राजनीती सहर्ष करने को तैयार है अगर वो इसके हित में हो - मलफोर्ड

केबल 5.

ISI ने भारत में आतंकी हमलों को अनुमती / सहमती दी

ने आतंकवादियों को भारत के अंदर जाने और पाक सेना द्वारा चुने हुए लक्ष्यों पर हमले कि अनुमती दी|


अब सवाल ये है कि मैंने ये केबल ही क्यों चुने? जवाब साफ़ है, इन सभी केबल्स को हालिया घोटालों, और सारे सरकारी तंत्र द्वारा भ्रष्ट लोगों को हर तरीके से बचाने कि कोशिशों की रोशनी में देखें|, आपको उत्तर मिलेगा - क्या आपको लोकपाल बिल मिला? जी नहीं, अन्ना को, आप को और हम सभी को सिर्फ धोखा मिला| क्या काला धन वापस लाने की मांग मानने के बाद भी आज इतने समय के बाद में भी कोइ कार्यवाही हुई? बिलकुल नहीं, सिवाय बाबा और उनके समर्थकों को डंडे मार मार के भगाने के सिवा इस सरकार ने काले धन से जुड़े मुद्दे या लोगों पर कोइ कार्यवाही नहीं की| क्या ये केबल हमें नहीं बताती / इशारा करती कि क्यों नहीं हुआ वो सब जो होना चाहिए था? कहाँ लगा है सारा का सारा तंत्र और इसकी ऊर्जा?

अब अलविदा कहने से पहले अंतिम केबल -

केबल 6.

थोड़ा और पीछे - अपनी सरकार बचाने के लिए केन्द्र में सत्ताधारी पार्टी MPs को खरीदने के लिए करोड़ों और जेट विमान ले कर तैयार थी|

(सतीश शर्मा - पोलिटिकल काउंसलर - अकाली दल (8 वोट) - एन.आर.आई. संत चटवाल याद है या भूल गए? इसमें पी.एम. का नाम भी आया था)

मेरा उद्देश्य राजनीती नहीं है, सिर्फ कुछ चीजें याद दिलाना है पर जैसा कि कहा जाता है - आपकी रूचि राजनीति में हो या ना हो ...


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