सितंबर 01, 2012

नीली पगड़ी

ओ नीली पगड़ी वाले

मगरमच्छ की है खाल या गैंडे की? किसकी है तेरी खाल?
असर ही नहीं होता किसी भी चीज का !!
धूल जो जमे तो कोई न कोई कैमरा वाला साफ़ करने भी आ जाता है
ओ नीली पगड़ी वाले

सदन का बहुमत कैसा था ये खरीदा हुआ चमत्कार
यहाँ लोकतंत्र था बेअसर
बस एक ही था तंत्र - विदेशी अम्मी तंत्र
ओ नीली पगड़ी वाले

लेकिन तेरा मुंह जो है उसपे खाल या तो नहीं है या काली पड़ चुकी है
ओ कोयले से काले कव्वे हंस सी तेरी चाल नहीं है
मुंह तो तेरा कब का काला हो चुका था
आइना बस राय ने दिखाया है
ओ नीली पगड़ी वाले

शर्मो हया तो तूने बेच खायी
देश की धरती दुश्मनों को देते भी तुझे लाज न आयी
बत्तीस रुपये के आंकड़ों से खेल खेल के
आमजन की सांस रोकने वाले

इस नीली पगड़ी वाले को पैदा ही क्यों किया
नीली छतरी वाले !!