1997 में google.com डोमेन रजिस्टर करवाया गया और 1998 में एक मित्र के गैराज से Google Inc. शुरू की गई।
तब से लेकर अब तक ये एक बैकबोन बन चुकी है, ये आपके बारे में लगभग सभी सूचनायें रखती है, आपके मेल्स, आपके द्वारा विजिटेड साइट्स से लेकर आपके और आपके सर्किल के लोगों के नाम, नंबर, etc. etc.
गूगल और फ़ेसबुक जैसी साइट्स पे उपलब्ध सूचनायें फ़ेडरल एजेंसीज के साथ साझा की जाती है। खैर ये सब हुई बेमतलब की बातें, अब मजेदार बात पे आते हैं कि कैसे ये इसकी भी जय जय, उसकी भी जय जय कर के हर जगह अपना कारोबार चलाता है, सिर्फ़ इन तीन स्क्रीन शोट्स पे नजर डालें, जो कि गूगल इंडिया, गूगल चाइना और गूगल.कोम से लिये गये हैं -
गूगल इंडिया - J&K और भारत की सीमाओं पे ध्यान दें
दूसरा स्क्रीन शोट है - गूगल चाइना - J&K और चाइना की सीमारेखा पे ध्यान दें -
तीसरा स्क्रीन शोट है गूगल वर्ल्ड का या google.com का - पिछली अंतर्राष्ट्रीय सीमा रेखाओं से इसकी तुलना करें -
आया कुछ समझ में कि बिजनेस कैसे किया जाता है? या विशेषकर भारत जैसे देश खुद को कैसे दिन में भी अंधेरे में रखते हैं? भारत सरकार को अपने मंत्रियों की सेक्स सीडियों से निपटने से फ़ुर्सत मिले, मीडिया को खुद के घोटालों पे ना बोलने के लिये पटाये रखने से फ़ुर्सत मिले, देश के लिये उठने वाली आवाजों को दबाने से फ़ुर्सत मिले, इटली की गुलामी से फ़ुर्सत मिले तब तो भारत सरकार भारत के लिये सोचे कुछ करे, पर अफ़सोस कभी तो ये खुद को सर्वशक्तिमान समझने वाली सरकार कोर्ट को हलफ़नामा देकर कहती है कि राम काल्पनिक थे और कभी कोर्ट को कहती है कि इटली के जिन नाविकों ने भारतीय मछुआरों की हत्या की उनको पकडने का केरल सरकार या भारत को अधिकार नहीं !!!
ये भारत सरकार है या माइनो परिवार का रामू काका?
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