ज्यादा पीछे ना जाकर १८५७ से शुरू करते हैं खबर यूँ होती -
"अंग्रेजी लूटमार" टीम और भारत के "राजे राजवाडा लूटमार" टीम में देश की समस्याएँ सुलझाने के लिए क्रिकेट लीग जल्द ही शुरू होगी तब तक सभी लोग शान्ति से रहते हुए लगान समय पर देते रहें भले ही खुद के खाने के दाने ना हों!
१९१४ -
ऑस्ट्रिया के उत्तराधिकारी की हत्या से उपजे विवाद के समाधान के लिए वो सर्बिया के साथ क्रिकेट की टेस्ट सीरिज खेल रहा है. रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ऑस्ट्रिया और सर्बिया की टेस्ट सीरिज में शामिल हुए, खेल के लिए नए स्टेडियम एशिया और अफ्रीका में तलाशे जा रहे हैं
टर्की और अमेरिका ने भी अपने खिलाड़ी टेस्ट सीरिज में भेजे, नए मैचों की संख्या बढती ही जा रही है
१९१९-
टर्की में अंग्रेजों और वहां के निवासियों के बीच खलीफा क्रिकेट सीरिज शुरू.
मोहनदास गांधी ने टर्की के समर्थन में भारत में भी अंग्रेजों के साथ खिलाफत क्रिकेट सीरिज शुरू की जिसमें नोआखाली एवं अन्य स्टेडियम में दंगे भड़कने से हजारों लोग जिनका क्रिकेट से कुछ लेना देना नहीं था, मारे गए
इसी क्रम को जारी रखते हुए वर्त्तमान में आते हैं ...
२०१३
चीन ने भारत की जमीन हथियाई, राजीव शुक्ला भारी मात्रा में क्रिकेट प्रशिक्षक लेकर चीन रवाना वो वहां क्रिकेट खेलना सिखायेंगे फिर भारत चीन को तगड़ा वाला सबक सिखाएगा ...
आप महंगाई से परेशान हैं? क्रिकेट खेलिए
आप अपराधों से परेशान हैं? आप झूठ बोल रहे हैं, देखिये आईपीएल कितना "स्मूदली" जा रहा है किधर हैं अपराध कहाँ है अपराध?
किसान आत्महत्या कर रहे हैं! अबे किसान क्यूँ मर रहा है? क्रिकेट है ना देख उसे!!